सलाखें

सलाखें

सलाखें, कैद नहीं कर सकती शब्द
बंदी नहीं बना सकती विचार
सच की आवाज नहीं दबती
कभी नहीं दबती
इतिहास है इसका गवाह

लाठी गोली अमला फौज
सब हो जाते बेकार
जब भी शब्द लेते हैं रूप
भाषा में ढलते हैं विचार

तानाशाहों की उड़ जाती है नींद
भोर के अंतिम पहर तक
बेचैनी से करवटें बदलती
बीत जाती है उनकी रात

हरसंभव कोशिश करते हैं
पूरी ताकत से
करते हैं शब्दों पर प्रहार
भूल जाते हैं वे इसकी शक्ति
जब शब्द बनते हैं हथियार।


Image : The Prisoners in Chains
Image Source : WikiArt
Artist : Francisco Goya
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