शब्द

शब्द

कोई ‘शब्द’ कितने रास्ते पार कर
किसी के पास आता है
जाने कितनी बार ठोकर खाता है
गिरता और सँभलता है
छूता हुआ,जाने कितनी
ध्वनियाँ, विचार–प्रवाह और,
उनके पीछे की पृष्ठभूमि,
जिससे सर्वदा हम अनभिज्ञ ही रहे
‘शब्द’ आसानी से नहीं
पहुँचते हम तक
कितनी आसानी से…
छूट जाते हैं हमसे…


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Artist: Osman Hamdi
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