वृद्धत्व

वृद्धत्व

कौन कहता है कि तुम वृद्धत्व
मेरे पास आए!
जब गदर आया; उमड़ आई,
जगत के त्रास आए।
हृदय से आँखों, अँगुलियों
पर भविष्य उतर रहा है
रूढ़ि दुहराने वहाँ किस
तरह फिर इतिहास आए?
कौन वर बाकी रहा जब
देवता उन्मेष आए?
कौन स्वागत? अमर करने
प्रलय जब इस देश आए।


Image Courtesy: Dr. Anunaya Chaubey
© Anunaya Chaubey