मजबूरी ही पैदल चलती
- 1 October, 2020
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https://nayidhara.in/kavya-dhara/hindi-song-about-forced-to-walk-by-garima-saxena-nayi-dhara/
- 1 October, 2020
मजबूरी ही पैदल चलती
मजबूरी ही पैदल चलती
सिर पर लादे धूप
आँतों में अंगारे रखकर
चलते जाते पाँव
लेकिन इनको भान नहीं अब
बदल चुका है गाँव
लाचारी, उम्मीदें हारी
नहीं कहीं भी छाँव
और राह में मिलते केवल
सूखे अंधे कूप
भूख, रोग, दुर्घटना, चिंता
है मौसम की मार
हिम्मत कब तक साथ निभाये
किस्मत ही बीमार
कहाँ गरीबी को मिल पाया
कोई भी तीमार
क्रूर समय भी दिखलाता है
सच कितना विद्रूप
फोर लेन पर घायल सपने
खोजें कहाँ पड़ाव
अलगावों से जूझ रहे थे
मिले नये अलगाव
अंजानी दहशत फैली है
कैसा यह बदलाव
कैसे दृढ़ फिर हो पाएगा,
ढहा हुआ प्रारूप।
Image : The Tired Gleaner
Image Source : WikiArt
Artist : Jules Breton
Image in Public Domain