जो बारे मुहब्बत उठाया न होता

जो बारे मुहब्बत उठाया न होता

जो बारे मुहब्बत उठाया न होता
सितम आपने मुझ पे ढाया न होता

अगर जानते आप भी बेवफा हैं
कभी आपसे दिल लगाया न होता

शबे हिज्र भी इतनी रौशन न होती
अगर ख़ुने दिल को जलाया न होता

जो होता गवारा मेरा उनको आना
तो काँटे सरे रह बिछाया न होता

करम होता ‘अख्तर’ पे उनकी नजर का
कभी दर्द दिल में समाया न होता।


Image: The Brazilian lumberjack
Image Source: WikiArt
Artist: Jose Ferraz de Almeida Junior
Image in Public Domain

नसीम अख्तर द्वारा भी