कराहना रोक दो भाई

कराहना रोक दो भाई

कराहना रोक दो भाई
कराहते रहने से बदलती नहीं है किस्मत
किस्मत बदलने के लिए
कसाई को खत्म कर देने तक की
उठानी ही होती है हिम्मत

हिम्मत उठाओ
काम तमाम करो कसाई का
और बदल देखो किस्मत
शायद इससे अधिक अजीब कुछ नहीं
और उससे अधिक गरीब कुछ नहीं
जो सिर्फ कराहता रहता है
और साहस शून्य।


Image: The neglected nayika confides in a sakhi
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