लोग

lully-gypsy-1868-(1)

लोग

आधे-अधूरे कपड़ों में
बड़ी बेहयाई से
रैंप वॉक करता है
झूठ
सच के
सलीके से पहने कपड़े
खींचते हैं लोग
इधर-उधर से!
× × ×
तुम्हारे
अभद्र व्यवहार का
भद्र विरोध है
कविता!
× × ×
एक
स्मृति-चिह्न
भेंट करना चाहता हूँ
मैं अपनी
तनहाई को!
× × ×
कभी-कभी
आँसू
शृंगार करते हैं
मुस्कराहट से!
× × ×
एकांत
मनुष्य का वो साथी है
जिसकी दोस्ती का हक
कभी
अदा न हुआ!
× × ×
कई बार आदमी
उम्र भर
भीड़ में रहता है–
अकेला!


Image : Lully (Gypsy)
Image Source : WikiArt
Artist : Vasily Vereshchagin
Image in Public Domain