महाशंख

महाशंख

अनबोले विचार
अनबोये बीज होते हैं
पौधे की घुटन को गर्भ में समेटे
शून्य में तैरते अमूर्त बिंब
ढेरों आकाश कुसुम
या रेत पर उगे सरकंडे

मौन की गुहा में कैद सुर
गुलाबी पगडंडियों पर थिरकने को
आकुल कसमसाते स्वप्न
कर्मभूमि में रोपे जाने की
प्रतीक्षा में आतुर

सिर्फ एक बार…सिर्फ एक बार
इन्हें पहना दो
अभिव्यक्ति का जामा

तृषित प्रेयसी के हृदय में
फूल उगा सकते हैं
रूढ़ियों के जंगल में
आग लगा सकते हैं
इनकी मुखरता जगा सकती है
पत्थर को भी
महाशंख बनकर…महाशंख बनकर!


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Image Source : WikiArt
Artist : Abbott Handerson Thayer
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