नए रिश्तों के अंदाज-ए बयां से

नए रिश्तों के अंदाज-ए बयां से

नए रिश्तों के अंदाज-ए बयां से
दरारें कम न होंगी आशियाँ से

मेरे पैरों में कितने हैं फफोले
किसी दिन पूछ लेना आसमाँ से

उसे ईनाम देती है अदालत
पलट जाता है जो अपने बयां से

बहुत कम लोग ऐसे थे वहाँ जो
हुआ जब कत्ल तो निकले मकां से

कहीं वो आँधियों से मिल न जाए
जो लपटें उठ रहीं उसकी जुबां से।


Original Image: At the Table
Image Source: WikiArt
Artist: Marie Bashkirtseff
Image in Public Domain
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