पेड़ : एक तट पर दूसरा पानी में
- 12 April, 2025
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पेड़ : एक तट पर दूसरा पानी में
(मूल कन्नड़ से हिंदी अनुवाद: टी.जी. प्रभाशंकर प्रेमी)
पोखर के तट पर एक पेड़
पोखर के अंदर दूसरा पेड़
ऊपर सचमुच का पेड़
नीचे प्रतिबिंब पेड़
लहरें जब उठती हैं
एक काँपता है दूसरा हँसता है।
फिर भी याद रहे
छोर दो होने पर भी
मूल एक ही है इन पेड़ों का
यदि तुम एक पेड़ पर चढ़ोगे तो
दूसरे में उतरते हो
सिर ऊपर कर चढ़ोगे
उल्टा सिर उतरोगे
समझ लो चढ़ते-चढ़ते हवा बनोगे
तब भी याद रहे
उतरने के क्रम से न बच सकोगे
चढ़ना तो तुम्हारे हाथ में है
मगर उतरना तुम्हारे बस का नहीं
माना जाता है जो चढ़ते हैं स्वर्ग जाते हैं।
मगर उसका कोई गवाह नहीं
डूबने पर पाताल जाना तो निश्चित है
चाहें तो रख सकते हैं
इस कहानी का दु:खद दोष यह है कि–
सचमुच का पेड़ और पानी का पेड़
इन दोनों पेड़ों के एक होने के बिंदु का
दिखाई न पड़ता
इसलिए कहता हूँ मित्र
ऊपर से कूदकर
नीचे पहुँचकर फिर ऊपर उठकर
जमीन को ढूँढ़ते चलो।
Image name: Trees Mirrored in a Pond
Image Source: WikiArt
Artist: Egon Schiele
This image is in public domain.