सशब्द न हो पाये :

सशब्द न हो पाये :

गत वर्ष की ही भाँति
इस वर्ष भी
पर्कटी तरु में
मेरे भावों के सदृश
ढेर के ढेर
ताम्रवर्णी किसलय
उग आये,
किंतु,
सशब्द न हो पाये ;
तुमने उन्हें तोड़-तोड़
सुस्वादु अँचार बनवाये!


Image: Still Life
Image Source: WikiArt
Artist: Harry Phelan Gibb
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