स्वागत में

स्वागत में

देश-काल-स्वागत में
ऋतुओं का दीपक समंदर-सा खारा है
बाती का अंतरीप न्यारा है
इसीलिए अंतराल-दिग्विहीन डेल्टा से
मैंने पतझार की डोंगी लो बाँधी है
…स्वागत में


Image: Colour Shapes
Image Source: WikiArt
Artist: Paul Klee
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