तसल्ली हो भी जाएगी तो हैरानी न जाएगी

तसल्ली हो भी जाएगी तो हैरानी न जाएगी

तसल्ली हो भी जाएगी तो हैरानी न जाएगी
किसी को ग़म सुनाने से परेशानी न जाएगी

अदाकारी अगर सीखी नहीं तो मात खाओगे
फ़कत सच होने से ही बात सच मानी न जाएगी

अजब चश्मा लगा है आजकल मुन्सिफ की आँखों पर
बिना दौलत कोई सूरत भी पहचानी न जाएगी

करम छोटों पे फरमाने से इज्ज़त घट नहीं सकती
खुदा की यह इबादत सबसे पहचानी न जाएगी

मुहब्बत ‘विप्लवी’ अब एक घर बैठे का जज़्बा है
किसी से भी कहीं की खाक़ तक छानी न जाएगी


Original Image: Sad day in Balchik
Image Source: WikiArt
Artist: Nicolae Tonitza
Image in Public Domain
This is a Modified version of the Original Artwork

बी.आर. विप्लवी द्वारा भी