उजास

उजास

किसी छोटे-से हिल स्टेशन के
किसी निर्जन पहाड़ पर खड़े होकर
आपने कभी किसी को पुकारा है
यह जानते हुए भी
कि वह आपसे हजारों मील दूर बैठा है?

आपने रातभर स्टेशन की
किसी खाली बेंच पर बैठकर
ट्रेनों से उतरने वाली भीड़ में
तलाश की है किसी एक उसकी
जिसे आप जानते तक नहीं?

या किसी भयावह स्वप्न के बीच
आपकी आवाज गायब हो जाती है
और फिर भी आप चीखते हैं लगातार
यह जानते हुए भी कि
आपको सुनने वाला कहीं कोई नहीं?

मन की तरह कोई सीमा नहीं होती
उम्मीदों की भी
वे उग आ सकती हैं किधर से भी
वे बहुत-सी उदासी के साथ ले आती हैं
थोड़ा-सा उजास
जिसका हाथ पकड़ कर तय हो जाता है
कठिन से कठिन सफर भी!


Image : The dreamer
Image Source : WikiArt
Artist : Caspar David Friedrich
Image in Public Domain

ध्रुव गुप्त द्वारा भी