शोषितों की आवाज सिद्धलिंगय्या
कर्नाटक के दलित साहित्य के प्रमुख हस्ताक्षर कवि, नाटककार, निबंधकार ही नहीं, डॉ. सिद्धलिंगय्या कर्नाटक विधान परिषद के सदस्य, कन्नड़ प्राधिकार और कन्नड़ पुस्तक प्राधिकार के अध्यक्ष होते हुए भी स्वभाव से कोमल, मृदुभाषी, चिंतनशील व्यक्तित्व के धनी थे।