वाह, वाह कोटया…
सैनिकों ने सबको उस विशेष रेलगाड़ी में बिठा लिया। स्टेशन से गाड़ी चली तो सब ने राहत की साँस ली। पर आउटर सिग्नल तक जाकर ही गाड़ी रुक गई। रुकी नहीं थी, रोक दी गई थी। पाकिस्तान पुलिस ने यह कहकर गाड़ी रोक दी थी कि ग़ैर-सैनिक गाड़ी में नहीं जा सकते। भारतीय सैनिक हिंदुओं को वहाँ छोड़ने के लिए तैयार नहीं थे और पाकिस्तानी पुलिस को लग रहा था पता नहीं हिंदू अपने साथ क्या-कुछ समेट कर ले जा रहे हैं।

वाह, वाह कोटया…

सैनिकों ने सबको उस विशेष रेलगाड़ी में बिठा लिया। स्टेशन से गाड़ी चली तो सब ने राहत की साँस ली। पर आउटर सिग्नल तक जाकर ही गाड़ी रुक गई। रुकी नहीं थी, रोक दी गई थी। पाकिस्तान पुलिस ने यह कहकर गाड़ी रोक दी थी कि ग़ैर-सैनिक गाड़ी में नहीं जा सकते। भारतीय सैनिक हिंदुओं को वहाँ छोड़ने के लिए तैयार नहीं थे और पाकिस्तानी पुलिस को लग रहा था पता नहीं हिंदू अपने साथ क्या-कुछ समेट कर ले जा रहे हैं।

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 यादों में पिता
Self Portrait by Piet Mondrian- WikiArt

यादों में पिता

’ उस समय अपनी दोनों रोती बहनों पर मुझे बेतरह तरस आ रहा था। रो मैं भी रही थी लेकिन ज़ाहिर था कि मुख्य अपराधी बड़ी, ‘समझदार’ बहनें ही मानी जा रही थीं।उस दिन का अपने अंदर उबलता गुस्सा मुझे अभी तक याद है, ज़्यादा अपनी बहनों की बेबसी और लाचारी पर कि उन्हें सफ़ाई देने का मौक़ा क्यों नहीं दिया जा रहा? आपलोगों ने ही तो सिखाई है हमें, बड़ों से मुँह न लगने और जवाब न देने जैसी बातें। किदवई साहब हमें ज़बरदस्ती ले गए और नुक्कड़ तक के बदले टाउनहॉल तक घुमा लाए तो हमारी ग़लती?

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 प्रेम के कवि जानकीवल्लभ शास्त्री
Image name: Swan and Rush and Iris wallpaper Image Source: WikiArt Artist: Walter Crane This image is in public domain

प्रेम के कवि जानकीवल्लभ शास्त्री

बिहार का कवि होने के कारण और अखिल भारतीय स्तर तक अपनी रचना न ले जा पाने के कारण जानकीवल्लभ शास्त्री को अपनी कविता का कीर्तिमान स्थापित करने के बावजूद…

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 मेरी कोरोना डायरी (एक)
Woman at writing desk by Lesser Ury

मेरी कोरोना डायरी (एक)

कोरोना महामारी ने विश्व को हिला डाला है। पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था चौपट हो गयी है। लोग दहशत में हैं और मास्क लगाना ‘न्यू नोर्मल’ बन गया है तो जरूरी इस बीमारी के बचाव के साथ साथ यह जानने की–कि कोरोना हो जाने के बाद इससे बिना अस्पताल में भर्ती हुए आप घर पर भी कैसे ठीक हो सकते हैं। इन दिनों दक्षिण अफ्रीका में कोरोना का भयानक प्रकोप है।

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असम के प्रकृति-बंधु ‘मागध’

पुनश्च मेरे द्वारा संपादित पुस्तक–‘महिला सशक्तिकरण : कल, आज और कल’ में मागध जी ने मुझे दो आलेख दिए। पहला आलेख–‘नारी का सबलीकरण और शिक्षा’ तथा दूसरा आलेख–‘महिला के पर्यायवाची’ शब्द शामिल है।

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एक लेखिका की कैंसर डायरी

एक बात जो इस दौरान बड़ी शिद्दत से मैंने महसूस की कि घर हो या हॉस्पिटल हर जगह हर व्यक्ति इस बात का खयाल रखता कि मेरा मूड खराब न हो या मैं खुश रहूँ। शायद खुश रहना भी कैंसर की एक दवा है।

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