हम फिर मिलेंगे

मुझे याद है वह बसंत का मौसम था मैंने उससे इतना ही कहा– अगले बसंत में हम फिर मिलेंगे चिड़ियों वाले उसी घने पेड़ के नीचे!

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 कसौटी
Poet by Henri Martin

कसौटी

जब तक आप कविता लिखते रहते हैं न जाने आपने ध्यान दिया है कि नहीं– फन फैलाए साँप घूमता ही रहता है आसपास फुफकारते हुए सृजन के क्षणों को डंसने की जन्म लेते ही अक्षर को मारने की भरसक कोशिश करते हुए

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 मस्जिद और मंदिर
Souvenir From Turkey From Asia - Children Playing With A Turtle by Alexandre-Gabriel Decamps- WikiArt (1)

मस्जिद और मंदिर

‘प्यार ही तो है इस संसार के लिए जरूरी साधन’ यह घोषणा करने के लिए मस्जिद और मंदिर की तरह नहीं इंसानों की तरह करते ही रहेंगे कोशिश।

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मन की गति

सब शब्दों से अनछुआ एक विचित्र शब्द सा कराहता है मन। विचित्र बात है थकान मिटाते ही अगले पल फिर से प्रकट हो जाती है वह किसी दूसरे रूप में। फिर से संघर्ष... संसार के दुखों से बेचैन मन कोई पाबंदी भी नहीं रहम भी नहीं।

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 खत्म न होने वाला सफर
Forest path by Ivan Kramskoy- WikiArt

खत्म न होने वाला सफर

मनौतियाँ, साष्टांग प्रणाम, प्रार्थनाएँ इन्हीं में पाते हैं शांति भगवान का ध्यान करते हैं पर साथी मनुष्य पर नहीं देते ध्यान।

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विश्वास तुम्हीं पर कर पाया

जब जब सम्मुख तम गहराया, मन सदा तुम्हारी शरण गया संघर्षों में, तूफानों में, तुमसे ही मन का मरण गया,

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