मानव छोड़ Post author:Moulshree Kulkarni Post published:December 1, 2014 Post category:काव्य धारा Post comments:0 Comments कठोर सच! मानव मानव बनने की होड़ में मानव छोड़ सब कुछ बना यथा नेता-अभिनेता, क्रेता-विक्रेता, कवि-लेखक, स्वामी-सेवक और बहुत कुछ........ और जानेमानव छोड़