चेहरे
The crowd crowds around the emperor in the gardens of the Elysee by Nicolas Toussaint Charlet- WikiArt(1)

चेहरे

भीड़ कभी-कभी महज भ्रम होती है कभी दिखती, कभी अदृश्य होती है कभी चलती, कभी रुकती है कभी सोती, कभी झुकती है।

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 थियेटर
They Cha U Kao, Chinese Clown, Seated

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नेपथ्य के वादक थोड़ा झिझक रहे थे पतझर से पृथ्वी सो रही थी पहाड़ से चिपककर भय में तुमने कहा कि मेरा वादक पहले सोई पृथ्वी को जगाए

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 अँधेरा और सूरज
Image name Twilight over the Path Image Source: WikiArt Artist: Albert Bierstadt This image is in public domain

अँधेरा और सूरज

तमस-आवरण भेद देता है अँधेरे का अंतस्तल निर्निमेष झाँकता बढ़ता है किंतु अँधेरे का राज्य अब भी बना हुआ अप्रमेय

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 थियेटर
They Cha U Kao, Chinese Clown, Seated

थियेटर

इन अभागे दिनों में कलाकार के कपड़े फटे हों जब मैं कैसे जगा दूँ सोई हुई पृथ्वी को सपने देखते पहाड़ को और यह भी कि मेरा समय रेत से घिरा है पानी से नहीं

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