हवा का रुख
Portrait of an Old Man (Johann Harms) by Egon Schiele- WikiArt

हवा का रुख

‘...हिंदू धर्म ढोंग है, ढकोसला है। ऊँच-नीच के धरातल पर रखी इमारत है, जिसमें सर्वोच्च ब्राह्मण है तो निकृष्ट शूद्र। जहाँ इस तरह की व्यवस्था हो वहाँ न तो प्यार…

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 क्रिमीलेयर
The Sleeping Gypsy by Henri Rousseau- WikiArt

क्रिमीलेयर

संसद में नया बिल पारित हुआ। कानून बना, कोर्ट ने फैसला सुनाया। ‘अगले’ पाँच साल किसी भी क्रिमीलेयर को सरकारी, गैर-सरकारी या अर्धसरकारी सेवा में नहीं लिया जाएगा। वे किसी…

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रूप की बेड़ी

मेरा यही रूप मेरी लिए बेड़ी बन चुकी है दीदी। मन तो करता है अपने चेहरे को जला दूँ। जहाँ जाती हूँ, वहीं ताना सुनना पड़ता है।

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 इंतज़ार
Ville d_Avray the Heights Peasants Working in a Field by Camille Corot- WikiArt

इंतज़ार

लड़की का बाप सीधा-सादा आदमी था। एक बार भाग कर गया तो दुबारा नहीं आया। उसका चाचा इधर-उधर से रमेश के पिता जी पर दबाव बनाने की कोशिश करता रहा। मगर कोई फायदा नहीं हुआ। अंत में हारकर बैठ गया। रमेश के अपहरण का जो केस बना था वह चलता रहा। लड़की वालों की तरफ से भी दहेज उत्पीड़न का एक फर्जी केस लगा दिया गया।

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 मुझे न्याय चाहिए
14. मुझे न्याय चाहिये Head of a Peasant Woman by Vincent van Gogh- WikiArt

मुझे न्याय चाहिए

जिलाधिकारी ने जाँच का भार एस.डी.ओ. को दिया। एस.डी.ओ. ने डी.एस.पी. की जाँच रिपोर्ट देखी और गाँव के लोगों से पूछताछ की। दरोगा के भय से गाँव का कोई भी आदमी गवाही देने के लिए नहीं आया। केवल मुखिया के आदमियों ने गवाही दी। एस.डी.ओ. का प्रतिवेदन था कि भुखली खराब चरित्र की महिला है। उसने गाँव के बड़े लोगों को स्थानीय नेता के कहने पर यह आवेदन दिया है।

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घरौंदे

मैं उसे आश्वस्त करती हूँ कि मेरा लहजा तंज का होता है–समय की प्रतीक्षा करो सोफिया, फिर एक दिन तुम ही कहोगी–‘यह क्या हो गया इस शहर को यहाँ भाँति-भाँति के जीव रहने लगे हैं।’ ‘कब तक–समय तेजी से बीत रहा है। जब सब कुछ बदल जाएग तब–’ उसने आज भी उतनी ही उत्सुकता से पूछा था।

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