नींद कानून के रखवालों

नींद कानून के रखवालों

नींद कानून के रखवालों की गहरी देखी
दोपहर बाद तो मुनसिफ ने कचहरी देखी

आज भी देखने मिलता है गुलामी का असर
कोट पहने हुए गर्मी की दुपहरी देखी

सबको आता नहीं कानून से लड़ने का हुनर
आस मजबूर की इंसाफ पे ठहरी देखी

जितने मुजरिम थे सभी मस्त थे कद आवर थे
देह सच्चाई की गाँधी सी इकहरी देखी

जाने किस बात से दोनों में हुआ था झगड़ा
पेड़  से  गिरती  हुई  एक  गिलहरी  देखी

लौट के आया कचहरी से तो महसूस हुआ
मुद्दतों  बाद  कोई  शाम  सुनहरी  देखी

अब तो मैं सबसे यही पूछता रहता हूँ मिजाज
क्या कभी तुमने कचहरी की दुपहरी देखी?


Image: The Thinker Portrait of Louis Kenton
Image Source: WikiArt
Artist : Thomas Eakins
Image in Public Domain

अशोक मिजाज द्वारा भी